SIP Vs Lumpsum Investing: निवेशक एसआईपी करें या एकमुश्त निवेश जाने किस में मिलेगा ज्यादा रिटर्न

By
On:
Follow Us

SIP Vs Lumpsum Investing: अगर आप निवेश के बारे में सोच रहे हैं खासकर म्यूचुअल फंड्स में, तो आपको अक्सर यह सवाल सुनने को मिलता है SIP करें या lumpsum निवेश करें? 

खासकर जब बात हो Momentum Index Fund की जो थोड़ा अलग तरह के होते हैं। चलिए इस लेख में हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं कि SIP Vs Lumpsum Investing में कौन सा तरीका आपके लिए सही रहेगा।

Momentum Index Fund क्या होता है

Momentum Index Fund ऐसे इंडेक्स फंड होते हैं जिनमें उन स्टॉक्स को रखा जाता है जो हाल ही में अच्छी तेजी से बढ़े हैं। यानी ये फंड उन शेयरों पर ध्यान देते हैं जिनमें “momentum” यानी गति बनी हुई है। ये फंड तेज़ी से ऊपर जा सकते हैं लेकिन उतनी ही तेजी से गिर भी सकते हैं। इसलिए ये थोड़ा रिस्की हो सकते हैं।

SIP और Lumpsum Investing में क्या फर्क है

SIP (Systematic Investment Plan) एक ऐसा तरीका है जिसमें आप छोटे-छोटे हिस्सों में नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं। 

यह निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है क्योंकि यह मार्केट की उतार-चढ़ाव से बचाव करता है। दूसरी तरफ Lumpsum Investing में आप एक बार में बड़ा निवेश करते हैं जो तब अच्छा होता है जब आपको बाजार के तेजी से बढ़ने का भरोसा हो।

Momentum Funds में SIP क्यों बेहतर माना जाता है

एक एक्सपर्ट जो Certified Financial Planner (CFP) हैं का मानना है कि Momentum Funds ज्यादा volatile होते हैं। इसका मतलब यह है कि ये फंड मार्केट के उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। 

इसलिए अगर आप lumpsum निवेश करते हैं तो आपको बड़े जोखिम का सामना करना पड़ सकता है खासकर तब जब बाजार correction कर रहा हो।

एक्सपर्ट कहते हैं “SIP से आप धीरे-धीरे निवेश करते हैं जिससे आपको मार्केट के peak पर निवेश करने का खतरा कम होता है। lumpsum तब ही करें जब आपको बाजार पर पक्का भरोसा हो और आप ज्यादा जोखिम लेने को तैयार हों।”

क्या Momentum Index Fund अभी निवेश के लिए अच्छा मौका है

ET Bureau की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में Nifty 200 Momentum 30 Index ने 9.75% का नुकसान उठाया है जबकि Nifty 50 ने 10.5% की बढ़त हासिल की है। 

यानी Momentum Funds हाल के समय में underperform कर रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह भी हो सकता है कि ये फंड अब सस्ते स्तर पर हैं और निवेश के लिए सही समय हो सकता है।

मार्केट correction के बाद Momentum Strategies फिर से outperform करेंगी। इसलिए 3-6 महीने के दौरान systematic investment करना समझदारी होगी।

Momentum Funds को अपने पोर्टफोलियो में कैसे शामिल करें

एक्सपर्ट के अनुसार Momentum Funds को अपने मुख्य (core) पोर्टफोलियो का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। इन्हें “सैटेलाइट” पोर्टफोलियो के रूप में रखें। 

इसका मतलब है कि आपके मुख्य निवेश को diversified equity funds जैसे flexi-cap, large-cap या multi-cap फंड्स में रखना चाहिए जो लंबे समय तक बेहतर रिटर्न देते हैं।

Momentum Funds ज्यादा जोखिम भरे होते हैं और ये मार्केट के short-term trends का फायदा उठाते हैं। इसलिए इन्हें अपने कुल इक्विटी निवेश का 5% से 10% तक ही रखें।

SIP Vs Lumpsum Investing Momentum Funds के लिए क्या सलाह है

SIP को प्राथमिकता दें: क्योंकि SIP से आप मार्केट की volatility को पार कर सकते हैं और समय के साथ बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।

लंबे समय तक धैर्य रखें: Momentum Funds तेज़ी से गिर भी सकते हैं, इसलिए जल्दी बोर न हों और धैर्य बनाए रखें।

नियमित रूप से परफॉर्मेंस की समीक्षा करें: हर साल अपने निवेश की समीक्षा करें, लेकिन market timing या past returns को देखकर decisions न लें।

अत्यधिक एक्सपोजर से बचें: Momentum Funds में ज्यादा निवेश करना जोखिम बढ़ा सकता है।

अंतिम विचार

SIP Vs Lumpsum Investing में खासकर Momentum Index Funds के लिए SIP बेहतर विकल्प माना जाता है क्योंकि यह आपके निवेश को मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचाता है। 

हालांकि अगर आप मार्केट की दिशा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं और जोखिम लेने को तैयार हैं तब lumpsum भी एक विकल्प हो सकता है। 

लेकिन याद रखें Momentum Investing एक aggressive strategy है, इसलिए हमेशा सावधानी और सही योजना के साथ ही निवेश करें।

निवेश की दुनिया में धैर्य और समझदारी सबसे बड़ी ताकत होती है। सही जानकारी के साथ सही रणनीति अपनाकर आप अपने निवेश को बेहतर बना सकते हैं।

अगर आप Momentum Index Fund में निवेश करने का सोच रहे हैं तो SIP से शुरुआत करें और अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें। इस तरह आप लंबे समय में बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना कर सकेंगे और बेहतर लाभ कमा पाएंगे।

SIP Vs Lumpsum Investing पर यह गाइड आपको निवेश के फैसले में मदद करेगी ताकि आप स्मार्ट तरीके से अपनी वित्तीय योजनाओं को आगे बढ़ा सकें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें

Jitendra

Jitendra Saini is a finance writer with 5+ years of experience and an MBA in Finance. He simplifies complex financial topics to help readers make smarter money decisions.

For Feedback - [email protected]
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment