RBI New Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेंडिंग को लेकर 8 मई 2025 को RBI New Rules के तहत एक नई गाइडलाइन जारी की है जो डिजिटल कर्ज प्रणाली में पारदर्शिता, उपभोक्ता सुरक्षा और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
यह नई गाइडलाइन पहले से जारी सभी सर्कुलर और निर्देशों को समेकित करते हुए एक नया और स्पष्ट फ्रेमवर्क प्रस्तुत करती है।
डिजिटल लेंडिंग ऐप्स पर पारदर्शिता होगी अनिवार्य
RBI New Rules के तहत अब उन डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स को, जो एक से अधिक बैंकों या एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) से जुड़े होते हैं।
अपने सभी कर्ज उत्पादों की जानकारी ग्राहकों को स्पष्ट रूप से देनी होगी। इससे कर्ज लेने वालों को सभी विकल्पों की पूरी जानकारी मिलेगी और वे समझदारी से निर्णय ले सकेंगे।
पब्लिक डायरेक्टरी बनाएगा RBI
RBI अब एक Public Directory of Digital Lending Apps (DLAs) तैयार करेगा जो आम जनता के लिए उपलब्ध होगी।
यह डायरेक्टरी आरबीआई की वेबसाइट पर 1 जुलाई 2025 से उपलब्ध कराई जाएगी। इस सूची में सिर्फ उन्हीं ऐप्स के नाम होंगे जो वैध और रेगुलेटेड एंटिटी से जुड़े होंगे। इससे फर्जी और धोखाधड़ी करने वाली ऐप्स से बचाव हो सकेगा।
डेटा रिपोर्टिंग की नई व्यवस्था
सभी रेगुलेटेड एंटिटीज (REs) को अब अपने डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की जानकारी CIMS पोर्टल (Centralised Information Management System) पर अपलोड करनी होगी।
यह पोर्टल 13 मई 2025 से लाइव होगा और सभी संस्थानों को 15 जून 2025 तक अपना प्रारंभिक डेटा जमा करना होगा। इस डेटा के आधार पर डायरेक्टरी को ऑटोमैटिकली अपडेट किया जाएगा।
ग्राहकों की सुरक्षा को मिलेगी प्राथमिकता
RBI New Rules के अनुसार, अब हर कर्ज देने वाली संस्था को अपने ग्राहक को Key Fact Statement (KFS) सरल भाषा में देना अनिवार्य होगा।
साथ ही सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से साइन कर के स्वतः ग्राहक को भेजे जाएंगे। इसके अलावा सभी लोन प्रोडक्ट की जानकारी, शिकायत निवारण व्यवस्था और प्राइवेसी पॉलिसी संस्थाओं की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
इन नये नियमो से क्या होगा बदलाव
इन नए नियमों से कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए जोखिम कम होगा और फाइनेंशियल कंपनियों की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
साथ ही डिजिटल लेंडिंग सेक्टर में एकरूपता आएगी और उपभोक्ताओं को फर्जी या भ्रामक ऐप्स से सुरक्षा मिलेगी।
डिजिटल लोन सिस्टम की होगी सफाई
RBI New Rules का उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल लेंडिंग सेक्टर को अनुशासित करना है।
अब ग्राहक को न केवल सही जानकारी मिलेगी बल्कि उसे धोखाधड़ी से भी सुरक्षा मिलेगी। यह कदम बैंकिंग सेक्टर की पारदर्शिता और भरोसे को और मजबूत करेगा।