Home Loan Tips: घर खरीदना हम सभी का सपना होता है लेकिन यह सपना अक्सर अपनी कीमत के कारण अधूरा रह जाता है। ऐसे में Home Loan एक बड़ा सहारा बनकर सामने आता है जिससे आप बिना एकमुश्त बड़ी रकम दिए भी अपने सपनों का घर खरीद सकते हैं।
लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो यही Home Loan आपको कर्ज के दलदल में भी धकेल सकता है। इसलिए जरूरी है कि होम लोन को लेने से पहले और बाद में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए।
सोच-समझकर लें होम लोन नहीं तो बढ़ेगा बोझ
होम लोन लेते समय सबसे पहले अपनी चुकाने की क्षमता का आकलन करें। बैंक भले ही आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर देखकर लोन पास कर दें लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी क्षमता से अधिक लोन ले लें। याद रखें आपकी EMI इतनी होनी चाहिए कि आपकी ज़रूरी जरूरतें, सेविंग्स और आपातकालीन फंड पर कोई असर न पड़े।
विशेषज्ञों की मानें तो आपकी EMI, आपकी मासिक आमदनी का अधिकतम 35-40% होनी चाहिए। इससे बाकी खर्चों और फाइनेंशियल गोल्स के लिए भी पर्याप्त पैसा बचेगा।
घर से जुड़े सारे खर्चों को पहले से करें कैलकुलेट
Home Loan की योजना बनाते समय सिर्फ घर की कीमत को ही न देखें। स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज, इंटीरियर डिज़ाइन, फर्निशिंग और पार्किंग जैसे खर्च भी शामिल करें। ये सब मिलकर आपकी कुल लागत में 10-15% तक की बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
अगर आप इन खर्चों को नजरअंदाज करेंगे तो बाद में आपको क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन का सहारा लेना पड़ सकता है जो आपके ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन जाएगा।
ब्याज दर को लेकर समझदारी से ले फैसला
Home Loan की अवधि और ब्याज दर दोनों आपकी EMI और कुल ब्याज भुगतान को प्रभावित करते हैं। लंबी अवधि वाला लोन आपकी EMI को जरूर कम कर देगा लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ेगा।
वहीं कम अवधि के लोन में EMI तो ज्यादा होगी लेकिन कुल ब्याज कम देना पड़ेगा।
इसके अलावा फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट में से सही विकल्प चुनना भी जरूरी है। भारत जैसे देश में अक्सर फ्लोटिंग रेट फायदेमंद रहती है क्योंकि जब रेपो रेट घटता है तो EMI भी कम हो सकती है।
इमरजेंसी फंड बनाना है बेहद जरूरी
Home Loan लेने से पहले कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं। इसमें आपकी EMI, घरेलू खर्च और अन्य आवश्यक खर्च शामिल होने चाहिए।
कभी भी मेडिकल इमरजेंसी या नौकरी जाने जैसी स्थितियां आ सकती हैं ऐसे में अगर आपके पास बैकअप फंड नहीं होगा तो EMI चुकाने में दिक्कत आ सकती है।
कर्ज के जाल से बचने के आसान तरीके
होम लोन की EMI आपकी इनकम का 40% से ज्यादा न हो, इस बात का खास ध्यान रखें।
Home Loan के बाद क्रेडिट कार्ड का अत्यधिक इस्तेमाल न करें, क्योंकि चूकने पर भारी ब्याज देना पड़ता है।
पर्सनल लोन लेने से बचें क्योंकि इसमें ब्याज दर सबसे ज्यादा होती है।
अगर कार लोन ले रहे हैं तो कोशिश करें कि डाउन पेमेंट ज्यादा करें ताकि EMI कम हो।
अगर किसी अन्य बैंक से कम ब्याज दर पर होम लोन मिल रहा है तो बैलेंस ट्रांसफर करने का विकल्प भी देखें।
टैक्स रिफंड, बोनस या निवेश से मिला अतिरिक्त पैसा सीधे Home Loan चुकाने में लगाएं। इससे ब्याज का बोझ घटेगा और लोन जल्दी खत्म हो सकेगा।
Home Loan एक शानदार जरिया है अपने सपनों का घर खरीदने का लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब आप इसे समझदारी से लें और मैनेज करें।
बिना योजना के होम लोन लेना कर्ज के जाल में फंसने का कारण बन सकता है। इसलिए होम लोन लेने से पहले और बाद में जरूरी फाइनेंशियल प्लानिंग जरूर करें।