Mazagon Dock Shipbuilders shares: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और खासकर डिफेंस सेक्टर की कंपनियों पर नजर रखते हैं तो आपने हाल ही में “Mazagon Dock Shipbuilders shares” की हलचल जरूर देखी होगी।
पिछले शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में करीब 7% की गिरावट दर्ज की गई जिसने निवेशकों को थोड़ा चौंकाया। लेकिन अगर आप सिर्फ गिरावट देखकर घबराएंगे तो शायद आप इस शेयर के भविष्य में छुपी संभावनाओं को मिस कर सकते हैं।
यह गिरावट एक बड़ी तस्वीर का हिस्सा है जिसमें कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स, भविष्य की ऑर्डर बुक और सरकार के डिफेंस सेक्टर में बढ़ते निवेश को ध्यान में रखना जरूरी है।
Mazagon Dock Shipbuilders ने FY26 के लिए क्या गाइडेंस दी
कंपनी ने हाल ही में आयोजित अपने अर्निंग्स कॉल में बताया कि वो वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) के लिए 8% से 10% की रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान लगा रही है।
वहीं Profit Before Tax (PBT) मार्जिन 15% रहने की उम्मीद है। इससे पहले कंपनी ने FY25 के लिए 10% से 12% ग्रोथ की बात कही थी जो संकेत देता है कि कंपनी लगातार ग्रोथ की दिशा में काम कर रही है।
अब सवाल उठता है कि इतनी उम्मीदों के बावजूद शेयर में इतनी गिरावट क्यों आई।
Q4 में मार्जिन क्यों घटा
Mazagon Dock Shipbuilders shares में शुक्रवार को जो गिरावट देखने को मिली उसके पीछे चौथी तिमाही (Q4) के कमजोर मार्जिन की बड़ी भूमिका रही।
कंपनी ने खुलासा किया कि उसके तीन प्रोजेक्ट्स के लिए भारी प्रावधान (provisions) करने पड़े जिनमें दो कोस्ट गार्ड के लिए और एक डेनमार्क के लिए था। इन सभी प्रोजेक्ट्स की कुल वैल्यू लगभग ₹3,500 करोड़ थी।
इन प्रावधानों के कारण कंपनी की तिमाही आय पर दबाव पड़ा और यही बात निवेशकों को थोड़ी निराश कर गई।
सब-कॉन्ट्रैक्टिंग खर्च में 10 गुना उछाल
एक और चौंकाने वाली बात यह थी कि मार्च तिमाही में सब-कॉन्ट्रैक्टिंग खर्च में पिछले साल की तुलना में करीब 10 गुना बढ़ोतरी हुई। यह भी मार्जिन को दबाने का एक अहम कारण रहा।
लेकिन कंपनी का कहना है कि हर तिमाही ये प्रावधान दोबारा आकलन किए जाएंगे और जरूरत के अनुसार इन्हें बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
बड़े ऑर्डर्स की संभावना और भारी ऑर्डर बुक
अब अच्छी खबर पर आते हैं। कंपनी का दावा है कि अगर अगले कुछ महीनों में दो बड़े सबमरीन ऑर्डर मिलते हैं P75 और P75I प्रोजेक्ट्स तो उनकी ऑर्डर बुक मौजूदा ₹32,260 करोड़ से बढ़कर ₹1.25 लाख करोड़ तक जा सकती है। यह एक बेहद बड़ा कूद होगा जो आने वाले वर्षों में कंपनी के प्रदर्शन को पूरी तरह बदल सकता है।
P75 प्रोजेक्ट का ऑर्डर अगले महीने साइन होने की संभावना है जिसकी वैल्यू ₹30,000 करोड़ से ₹40,000 करोड़ के बीच बताई जा रही है।
अन्य संभावित प्रोजेक्ट्स की चर्चा
Mazagon Dock सिर्फ सबमरीन तक ही सीमित नहीं है। कंपनी P17 Bravo फ्रिगेट्स के लिए भी बोली लगाने की तैयारी कर रही है जिसकी वैल्यू ₹70,000 करोड़ तक हो सकती है।
इसके अलावा भारतीय नौसेना जल्द ही ₹44,000 करोड़ के MCMV प्रोजेक्ट के लिए RFP जारी करने वाली है।
अगर ये सभी प्रोजेक्ट्स सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो Mazagon Dock Shipbuilders shares के लिए यह एक जबरदस्त बूस्ट साबित हो सकता है।
Valuation और Execution दोनों अहम हैं
शेयर बाज़ार के जानकार से बातचीत में कहा कि “Mazagon Dock एक ऐसी कंपनी है जो फिलहाल बहुत हाई वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही है और इस स्थिति में अगर प्रदर्शन उम्मीद से कम हुआ तो बाजार में निराशा स्वाभाविक है।” उन्होंने कहा कि ऐसे डिफेंस स्टॉक्स में एक्सीक्यूशन (Execution) सबसे अहम होता है।
मतलब ये कि कंपनी को अब सिर्फ वादे नहीं करने बल्कि उन वादों को समय पर और कुशलता से पूरा भी करना होगा।
क्या करें निवेशक
अभी के लिए Mazagon Dock Shipbuilders shares ने सात दिनों की लगातार तेजी के बाद एक 7% की गिरावट देखी है। ये एक जरूरी करेक्शन भी हो सकता है।
लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो कंपनी के पास ऑर्डर बुक बढ़ाने के कई बड़े मौके हैं जो आने वाले सालों में रेवेन्यू और प्रॉफिट को नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।
अगर आप डिफेंस सेक्टर में लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रखते हैं तो Mazagon Dock Shipbuilders shares में मौजूदा गिरावट को अवसर के रूप में भी देखा जा सकता है।
हां इस शेयर में शॉर्ट टर्म वोलैटिलिटी बनी रह सकती है लेकिन कंपनी के फंडामेंटल्स, ऑर्डर बुक संभावनाएं और डिफेंस सेक्टर का बढ़ता बजट इसे एक मजबूत कंटेंडर बनाता है।
आने वाले महीनों में अगर P75 और अन्य प्रोजेक्ट्स की डील फाइनल होती है, तो Mazagon Dock Shipbuilders shares फिर से रफ्तार पकड़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।